सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत सूचना अनुरोध को संभालने की आतंरिक प्रक्रिया
सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के अंतर्गत सूचना प्रदान करने के लिए भारतीय नागरिकों के अनुरोधों को संभालने के उद्देश्य हेतु निम्न अधिकारी को सार्वजनिक सूचना अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
नाम और पद | श्रीमती जयलक्ष्मी श्रीनिवासन, सार्वजनिक सूचना अधिकारी |
संपर्क संख्या | 044-25251666(O) |
2.1 जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को एक सादे कागज़ पर संलग्नक ‘ए’ में दिए गए प्रपत्र में आवेदन लिखकर सार्वजनिक सूचना अधिकारी को जमा करना होगा और इसके साथ “कामराजर पोर्ट लिमिटेड” के पक्ष में चेन्नई में देय डिमांड ड्राफ्ट या बैंकर्स चेक के माध्यम से रु. 10/- का आवेदन शुल्क जमा करना होगा। वैकल्पिक रूप से, कामराजर पोर्ट लिमिटेड, चौथी मंजिल, सुपर स्पेशलिटी डायबिटिक सेंटर, क्लाइव बैटरी बस अड्डे के निकट, राजाजी सलाई, चेन्नई-600 001 (या) कामराजर पोर्ट लिमिटेड, वल्लूर पोस्ट, एनसीटीपीएस के निकट, चेन्नई-600 120 पर आवेदन शुल्क के प्रति रु. 10/- नकद चुकाया जा सकता है और वास्तविक रसीद को आवेदन पत्र के साथ संलग्नित किया जा सकता है।
2.2 सूचना अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत जानकारी प्रदान करने के लिए संलग्नक ‘ए’ से भिन्न प्रपत्र में या/और निर्दिष्ट आवेदन शुल्क के बिना अनुरोध प्राप्त होने के मामले में आवेदक को निर्दिष्ट प्रपत्र में आवेदन भेजने या/और आवेदन शुल्क का भुगतान करने (मामले अनुसार) की सलाह दी जा सकती है।
2.3 यदि आवेदक 'गरीबी रेखा से नीचे' है, तो उससे कोई शुल्क वसूले बिना माँगी गई जानकारी प्रदान की जाएगी। हालांकि, ऐसे आवेदकों को आवेदन के साथ राशन कार्ड की प्रमाणित प्रति जैसे दस्तावेजी प्रमाण जमा करना होगा।
3.1 सार्वजनिक सूचना अधिकारी माँगी गई जानकारी प्रदान करने के प्रति बाध्य नहीं है:
(i)यदि ऐसे जानकारियों के प्रकट होने से भारत की संप्रभुता और अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा
(ii)यदि इससे भारत की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा;
(iii)किसी विदेश के साथ भारत के संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा;
(iv)यदि इससे किसी अपराध को प्रेरणा मिलती है; या
(v)संसद या राज्य विधानसभा के विशेषाधिकार का उल्लंघन होता है;
(vi)किसी तृतीय पक्ष की सक्षम स्थिति को हानि पहुँचता है;
(vii)यदि इससे किसी भी व्यक्ति का जीवन या उसकी भौतिक सुरक्षा खतरे में पड़ती है या कानून प्रवर्तन या सुरक्षा उद्देश्यों के लिए जानकारी के श्रोत की पहचान होती है या विश्वसनीय रूप से प्रदान की गई सहायता की पहचान होती है।
(viii)राज्य के अलावा किसी व्यक्ति के कारण प्रतिलिप्यधिकार का उल्लंघन शामिल होता है।
(B) यदि किसी भी न्यायालय या न्यायाधिकरण द्वारा स्पष्ट रूप से किसी जानकारी के प्रकाशन को वर्जित किया गया है या यदि किसी जानकारी के प्रकट होने से न्यायालय की अवमानना हो सकती है।
(C)यदि किसी विदेश सरकार द्वारा विश्वसनीय रूप से जानकारी प्रदान किया गया है।
(D)यदि यह ऐसे नीतियों के प्रस्तावों से संबंधित है, जिसमें निदेशक मंडल, विभाग के अध्यक्षों और अन्य अधिकारियों के विचार-विमर्शों की रिकॉर्ड शामिल होती है,
बशर्ते कि निदेशक मंडल के निर्णय, आदि, इसके कारण, और जिन विषयों के आधार पर निर्णय लिया गया है, निर्णय लेने के पश्चात उन विषयों को सार्वजनिक किया गया है और वह मुद्दा समाप्त या पूरा हो चूका है।
(E)यदि यह ऐसी व्यक्तिगत जानकारियों से संबंधित है, जिसके प्रकट होने से किसी भी सार्वजनिक गतिविधि या हितों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, या जिससे किसी व्यक्ति की निजता पर अनचाहा आक्रमण नहीं होगा।
(F)) यदि यह किसी ऐसी घटना, वृतांत या मामले से संबंधित है, जो आवेदन तिथि से 20 वर्ष पहले घटित हुई है।
3.2 सार्वजनिक सूचना अधिकारी को निम्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह तय करना होगा कि माँगी गई जानकारी-
(i) किसी व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता से संबंधित है या नहीं; या
(ii) किसी अन्य सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा इस जानकारी का प्रकाशन वर्जित किया गया है या नहीं; या
(iii) किसी अन्य सार्वजनिक प्राधिकरण के कार्य कलापों से अधिक संबंधित है या नहीं;
(iv) किसी ऐसे तृतीय पक्ष से संबंधित है या किसी तृतीय पक्ष द्वारा प्रदान किया गया है जिसने इस जानकारी को गुप्त रखा है।
3.2.1 उपरोक्त अनुच्छेद 3.2 के (i) के मामले में, सार्वजनिक सूचना अधिकारी को आवश्यक जानकारियों का संकलन करना होगा और 48 घंटों के अंदर जानकारी प्रदान करना होगा।
3.2.2 उपरोक्त अनुच्छेद 3.2 के (ii) और (iii) के मामले में, सार्वजनिक सूचना अधिकारी द्वारा संबंधी सार्वजनिक प्राधिकरण को यह आवेदन हस्तांतरित किया जाना होगा और आवेदन प्राप्ति तिथि से 5 दिनों के अंदर आवेदक को संलग्नक ‘बी’ के प्रपत्र में इस हस्तांतरण के बारे में सूचित करना होगा।
3.2.3 उपरोक्त अनुच्छेद 3.2 के (iv) के मामले में, सार्वजनिक सूचना अधिकारी द्वारा आवेदन प्राप्ति तिथि से 5 दिनों के अंदर तृतीय पक्ष को इस माँग के विषय में एक लिखित सूचना भेजना होगा और माँगी गई जानकारी के संबंध में उत्तर प्रदान करने का आमंत्रण करना होगा। यदि तृतीय पक्ष द्वारा सूचना ज़ारी तिथि से 10 दिनों के अंदर कोई जानकारी भेजी जाती है, तो आवेदक को यह जानकारी प्रदान करने का निर्णय लेने से पूर्व सार्वजनिक सूचना अधिकारी को उस जानकारी पर विचार करना होगा।
4.1 उपरोक्त अनुसार, सार्वजनिक सूचना अधिकारी को शीघ्र अति शीघ्र आवश्यक जानकारी भेजना और संकलन करना होगा या ऊपर निर्दिष्ट कारणों से आवेदन को अस्वीकार करना होगा।
4.2 सार्वजनिक सूचना अधिकारी को सूचना अधिकार (शुल्क एवं लागतों का विनियमन) नियम, 2005: बाहरी लिंक:यह एक नए विंडो में [257.75 KB]
(a) बनाए गए या कॉपी किए गए प्रत्येक पृष्ठ (A-3 या A-4 आकार के कागज़ पर) के लिए दो रूपए
(b) बड़े आकार के कागज़ पर कॉपी करने की वास्तविक शुल्क या लागत
(c) नमूने या मॉडल्स के लिए वास्तविक लागत या कीमत
(d) डिस्केट या फ्लॉपी में प्रदान की गई सूचना के लिए, प्रति डिस्केट या फ्लॉपी के लिए पचास रूपए
(e) निर्धारित प्रकाशन के लिए तय कीमतों पर मुद्रित प्रारूप में प्रदान किए गए जानकारी के लिए या प्रकाशन के सारांश के प्रत्येक पृष्ठ फोटो प्रति के लिए दो रूपए
(f) रिकॉर्ड के निरीक्षण के लिए पहले घंटे के लिए कोई शुल्क लागू नहीं है, और उसके बाद प्रति घंटे (या इसके भाग के लिए) के लिए पाँच रूपए का शुल्क।
4.3 सार्वजनिक सूचना अधिकारी द्वारा संलग्नक में दिए गए प्रपत्र में आवेदक को सूचना भेजा जाना होगा और उसे जानकारी प्रदान करने के लिए उपरोक्त अनुच्छेद 4.2 के अर्थों में अभिकलित अतिरिक्त शुल्क के बारे में सूचित करना होगा।
4.4 अतिरिक्त शुल्क मिलने के बाद सार्वजनिक सूचना अधिकारी द्वारा शीघ्र हीं आवेदक को इस विषय में सूचना भेजा जाना होगा और यह सूचना आवेदन मिलने से अधिकतम तीस दिनों के अंदर भेजा जाना होगा। हालांकि, तीस दिनों की अवधि की गणना के लिए उपरोक्त अनुच्छेद 4.3 में संदर्भित संप्रेषण प्रकाशन और अतिरिक्त शुल्क प्राप्ति के मध्यावर्ती समय को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
4.5 आम तौर पर, जानकारी उसी प्रारूप में प्रदान की जाती है जिस प्रारूप में इसकी माँग की जाती है। हालांकि, यदि इससे असमानुपाती तरीके से संसाधनों में बदलाव होता है या इससे रिकॉर्ड खतरे में पड़ता है, तो किसी अन्य उपयुक्त प्रारूप में जानकारी प्रदान की जाएगी।
4.6 जहाँ पर किसी अनुरोध को अस्वीकार करने या वांछित जानकारी का केवल कुछ भाग प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, उस मामले में सार्वजनिक सूचना अधिकारी द्वारा आवेदक को इस निर्णय के पीछे का कारण, अपीलीय प्राधिकारी का नाम और पता, अर्थात महाप्रबंधक (सीएस और बीडी), कामराजर पोर्ट लिमिटेड और कितने दिनों के अंदर अपील की जा सकती है, अर्थात अस्वीकृति संप्रेषण तिथि से 30 दिनों के अंदर, सूचित करना होगा।
5. आवेदक द्वारा माँगी गई जानकारी प्रदान करने के कार्य में सार्वजनिक सूचना अधिकारी द्वारा आवश्यक समझे जाने पर वह किसी अन्य अधिकारी से सहायता माँग सकता है। तदनुसार, जिस अधिकारी से सहायता माँगी गई है, उसे यह मान कर चलना होगा कि वह स्वयं एक सार्वजनिक सूचना अधिकारी है और माँगी गई जानकारी के संकलन और प्रस्तुति में सभी प्रकार से सहायता करना होगा।
6.1 अपीलीय प्राधिकारी, अर्थात महाप्रबंधक (सीएस और बीडी), कामराजर पोर्ट लिमिटेड, सं: 23, प्रथम मंजिल, पी.टी. ली चेंगलवरया नाइकर मालीगई, राजाजी सलाई, चेन्नई-1 को सार्वजनिक सूचना अधिकारी के निर्णय के खिलाफ प्रथम अपील की जा सकती है, जो अपील प्राप्ति तिथि से 30 दिनों के अंदर इस विषय पर निर्णय लेंगे।
6.2 प्रथम अपील एक सादे कागज पर संलग्नक ‘डी’ के प्रपत्र अनुसार की जानी होगी।
6.3 आवेदक को और उस सार्वजनिक सूचना अधिकारी को अपीलीय प्राधिकारी द्वारा पारित प्रत्येक आदेश संप्रेषित किया जाएगा जिसके आदेशों के खिलाफ अपील की गई थी।
6.4 अपीलीय प्राधिकारी के आदेशों से व्यथित व्यक्ति 30 दिनों के अंदर केन्द्रीय सूचना आयोग को संलग्नक ‘ई’ के प्रपत्र अनुसार अपील कर सकते हैं, जिसका निर्णय बाध्यकारी होगा।
7. सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत जानकारी माँगने के लिए प्राप्त आवेदनों के संबंध में सार्वजनिक सूचना अधिकारी को संलग्नक ‘ऍफ़’ में दिए गए प्रपत्र के अनुसार एक रजिस्टर बनाना होगा।