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त.ना.उ.वि.नि के प्रति समर्पित दो कोयला घाट (16 मि.ट.प्र.व)

  • उत्तरी चेन्नई, एन्नोर और मेट्टुर में तमिलनाडु विद्युत बोर्ड के तापीय विद्युत संयंत्रों के लिए त.ना.वि.बो द्वारा आवश्यक कोयले के विशेष प्रबंधन के लिए 77,000 डीडब्लूटी तक के 280 मीटर लंबे कोयले के दो खदानों के समायोजन के लिए कामराजर बंदरगाह के मौजूदा कोयला टर्मिनल में दो कोयला बर्थ है।
  • एनसीटीपीएस के अंदर कोयले को सीधे बाड़े में ले जाया जाता है, जहाँ से इन कोयलों के एक भाग को रेल के माध्यम से मेट्टुर और एन्नोरे ले जाया जाता है।
  • केपीएल द्वारा अपनाए गए व्यवसाय मॉडल के अनुसार, त.ना.उ.वि.नि सभी शीर्ष स्तरीय सुविधाओं, जैसे कि समुद्रतटीय अनलोडर, कन्वेयर प्रणाली इत्यादि पर निवेश कर रहा है, इनका संचालन और रखरखाव कर रहा है। कोयले की माँग को समकालिक करते हुए त.ना.उ.वि.नि ने सीबी-1 में 8 मि.ट.प्र.व कोयला प्रबंधन के लिए सुविधाओं की स्थापना की है और हाल ही में सीबी-2 का 4 मि.ट.प्र.व से 8 मि.ट.प्र.व तक का उत्परिवर्तन पूरा हुआ है।

3 मि.ट.प्र.व की समुद्री तरल टर्मिनल

  • समुद्री तरल टर्मिनल-1 के विकास हेतु 30 वर्षों की अनुज्ञा अवधि के लिए नवंबर 2004 के दौरान, केपीएल ने एन्नोर टैंक टर्मिनल्स प्राइवेट लिमिटेड (ईटीटीपीएल) के साथ एक अनुज्ञा सहमति पर हस्ताक्षर किया है।
  • परिचालक ने 3 मि.ट.प्र.व के कार्गो प्रबंधन क्षमता वाला एक टर्मिनल का विकास किया है। प्रबंधित कार्गो में पीओएल, एलपीजी, सीबीऍफ़एस, रसायन इत्यादि शामिल हैं। चरण-1 की निवेश लागत है रु. 250 करोड़।
  • इस टर्मिनल को जनवरी, 2009 में आरंभ किया गया था। इसके अलावा, वाणिज्य के माँगों को पूरा करने के लिए, बीओटी परिचालक ने रु. 167 करोड़ के निवेश पर द्वितीय चरण में एक अतिरिक्त भण्डारण टंकी का विकास किया है, एलपीजी प्रबंधन उपकरणों की स्थापना की है।
  • जहाज़ों के जाम की असुविधाओं के न्यूनीकरण के लिए, अनुज्ञप्तिधारी एम/एस ईटीटीपीएल अतिरिक्त डॉक लाइन बिछाने और समुद्री अनलोडिंग आर्म लगाने का प्रस्ताव दे रहा है जिससे जहाज़ों का प्रतीक्षा समय घटेगा।

आम उपयोगकर्ता कोयला टर्मिनल (8 मि.ट.प्र.व)

  • केपीएल ने सितंबर 2006 में 30 वर्षों की बीओटी आधार पर त.ना.वि.बो के अलावा अन्य उपभोक्ताओं को कोयला प्रबंधन सुविधा प्रदान करने के लिए एक दूसरे टर्मिनल के विकास हेतु परियोजना कंपनी चेट्टीनाड इंटरनेशनल कोल टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
  • परिचालक ने 8 मि.ट.प्र.व कार्गो प्रबंधन क्षमता वाले एक टर्मिनल का विकास किया है। जनवरी 2011 तक टर्मिनल आरंभ हो जाएगी।
  • परियोजना की कुल लागत है रु. 351.08 करोड़।
  • इसके अलावा, पलटे हुए जहाजों के प्रबंधन के लिए बीओटी परिचालक ने बर्थ की लंबाई 22.5 मीटर बढ़ा दी है ताकि पलटे हुए जहाज़ों को उसमे समायोजित किया जा सके। टर्मिनल की मौजूदा क्षमता है 10 मि.ट.प्र.व।

लौह अयस्क टर्मिनल (12 मि.ट.प्र.व)

  • केपीएल ने सितम्बर 2006 में परियोजना कंपनी एसआईसीएएल आयरन ओर टर्मिनल लिमिटेड (एसआईओटीएल) के साथ बीओटी आधार पर 30 वर्षों की एक अनुज्ञा सहमति पर हस्ताक्षर किया है।
  • बीओटी परिचालक ने वर्ष 2010-11 के दौरान 6 मि.ट.प्र.व के प्रथम चरण का निर्माण किया है। हालांकि, लौह अयस्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के कारण, इस टर्मिनल का उपयोग कभी नहीं किया गया।
  • सरकार से अनिवार्य अनुमोदन प्राप्त करने के पश्चात, केपीएल ने पुनः-बोली प्रक्रिया की कार्यवाही आरंभ की और इसमें केवल मौजूदा रियायतदाता एसआईओटीएल ने हीं भाग लिया था और उन्होंने 52.524% का राजस्व शेयर उद्घृत किया जो आम उपयोगकर्ता कोयला टर्मिनल के राजस्व शेयर के समान है।
  • 02.06.2016 को आशय पत्र ज़ारी किया गया था और केपीएल और एसआईओटीएल के बीच 11.07.2016 के तारीख को अनुज्ञा सहमति पर हस्ताक्षर किया गया था।
  • वर्ष 2017-18 के प्रथम तिमाह में संशोधन कार्य शुरू होगा और प्रत्याशित प्रवर्तन वर्ष 2018-19 के दौरान होगा।

आम कार्गो बर्थ सह ऑटोमोबाइल निर्यात टर्मिनल (3 मि.ट.प्र.व)

  • कामराजर बंदरगाह ने रु. 140 करोड़ की लागत पर कारों के निर्यात और अन्य आम कार्गो के लिए एक बर्थ की स्थापना की है।
  • यह बर्थ 8,000 करों की क्षमता वाले विश्व के सबसे बड़े कार कैरियर को समायोजित करने में सक्षम होगा।
  • बर्थ के पीछे की 25000 वर्ग मीटर की परिवहन पार्किंग क्षेत्र के अलावा 10000 कारों की एक विस्तृत कार पार्किंग यार्ड सहित 141,000 वर्ग मीटर का बैक-अप क्षेत्र उपलब्ध है, जो भारत के किसी ही बंदरगाह में से सबसे बड़ी है।
  • अतिरिक्त 3500 करों के समायोजन के लिए केपीएल ने कार्यवाही आरंभ किया और 55000 वर्ग मीटर की अतिरिक्त बैक अप क्षेत्र का निर्माण किया है।